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Writer ..ABHISHEK PANDEY

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भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्


भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद
भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद
क्या आप जानते हैं कि 1949 में संविधान सभा ने जो संविधान पारित किया था, उसमें 395 अनुच्छेद और 22 खंड थे? इतने बरसों में, कई अनुच्छेद और खंड जुड़ते गए। मौजूदा संविधान में 444 अनुच्छेद और 25 खंड है। ज्यादातर लोगों के लिए सभी अनुच्छेद और उनके प्रभाव को जानना या याद रखना संभव नहीं है। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेदों के बारे में हर भारतीय को जानकारी होनी चाहिए।
संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेद की सूची
अनुच्छेद 2 संसद को नए राज्य स्थापित करने या उन्हें स्वीकार करने की अनुमति देता है;
अनुच्छेद 3 में नए राज्यों की संरचना, बदलाव या नामकरण की अनुमति दी गई है;
अनुच्छेद 5-11 में नागरिकता के अधिकार दिए गए हैं, जो उसी समय के है जब पहली बार संविधान बना था। जो लोग पाकिस्तान से भारत आए, जो भारत से पाकिस्तान गए, भारत में रहने वाले नागरिकों के साथ ही विदेशी नागरिकता हासिल करने के लिए भारतीय नागरिकता त्यागने और नागरिकता के अधिकारों को जारी रखने से जुड़ी जानकारियां हैं।
अनुच्छेद 12 – अनुच्छेद35 में नागरिकों के मौलिक अधिकारों की जानकारी है।
यह जानना बेहद जरूरी है कि संविधान सभी नागरिकों पर लागू होने वाले कुछ अधिकारों की गारंटी देता है, जिन्हें हम मौलिक अधिकार कहते हैं। इन अनुच्छेदों में शामिल हैः (14-15) समानता का अधिकारः धर्म, जाति, नस्ल, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है; (16) सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार के लिए समानता का अधिकार देता है; (17) अस्पृश्यता का अंत; (18) उपाधियों का अंत; (19) स्वातंत्र्य का अधिकारः नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्त करने की आजादी है, बिना हथियारों के और शांतिपूर्वक जमा होन का अधिकार है, एसोसिएशन या यूनियन बनाने का अधिकार है, भारत के किसी भी हिस्से में बिना किसी रोक–टोक के घूमने का अधिकार है, भारत के किसी भी हिस्से में रहने या बसने का अधिकार है, किसी भी व्यापार, कारोबार या पेशे के अपनाने का अधिकार है; (21)जीवन और व्यक्तिगत आजादी का संरक्षण; (21ए)शिक्षा का अधिकारः 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।
कई इलाकों में, अभिभावक मुफ्त शिक्षा के अधिकार के बारे में नहीं जानते, इस वजह से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते। (23-24) शोषण के खिलाफ अधिकारः मानव तस्करी और बंधुआ या जबरदस्ती मजदूरी कराने पर प्रतिबंध। अक्सर देखा गया है कि इस अधिकार की अनदेखी होती है और पीड़ितों का शोषण किया जाता है। (25-28) धर्म की स्वतंत्रता का अधिकारः नागरिकों को किसी भी धर्म को अपनाने या प्रचार करने का अधिकार है; अनुच्छेद 36-50 में राज्य के नीति निदेशक तत्वोंका उल्लेख किया गया है।
नीति निदेशक तत्वों में मानव कल्याण और सभी नागरिकों को समान न्याय, स्वास्थ्य और पोषण देने के लिए राज्य के दायित्वों का उल्लेख किया गया है। एससी/एसटी और अन्य कमजोर तबकों के कर्मचारियों के कल्याण, कृषि और पशु पालन को बढ़ावा और प्रोत्साहन, स्मारकों के संरक्षण और रखरखाव, वन और पर्यावरण की सुरक्षा, कार्यपालिका से न्यायपालिका को पृथक करने, और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा और प्रोत्साहन देना शामिल है।
अनुच्छेद 51 में नागरिकों के बुनियादी दायित्वों को विस्तार से समझाया गया है। अनुच्छेद 52-151 खंड 4 में संघ (52): भारत के राष्ट्रपति; (53): संघ की कार्यकारी शक्तियां; (54): राष्ट्रपति का चुनाव; (55): राष्ट्रपति के चुनाव का तरीका; (56): राष्ट्रपति के कार्यालय की अवधि; (61): राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग चलाने की प्रक्रिया; (63): भारत के उपराष्ट्रपति; (64): उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना; (65): राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उनकी अनुपस्थिति में उप–राष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उनके कार्यों का निर्वहन; (72): राष्ट्रपति की किसी दोषी की सजा को निलंबित करने, माफ करने या उसकी अवधि कम करने की शक्ति;
(79): संसद का गठन; (80): राज्यों की सभा– राज्यसभा की संरचना, इसे ऊपरी सदन भी कहा जाता है; (81): लोगों के सदन– लोकसभा की संरचना, जिसे निचला सदन भी कहा जाता है; (83): संसद के सदनों की अवधि; (93): लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष; (100): सदनों में मतदान, रिक्तयों के होते हुए भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और कोरम; (102): संसद के किसी भी सदन से किसी सदस्य की सदस्यता को अयोग्य घोषित करना; (105): इस अनुच्छेद में संसद के दोनों सदनों, उसके सदस्यों और समितियों के विशेषाधिकारों, शक्तियों की जानकारी दी गई है; (107): विधेयक को प्रस्तुत करने और पारित करने की प्रक्रिया और प्रावधान दिए गए हैं।
(108): कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठकः विवादित विधेयकों के पारित होने को लेकर अनुच्छेद 107 और 108 का जिक्र अक्सर होता है। (109): धन विधेयक या मनी बिल्स को पारित करने की प्रक्रिया स्पष्ट की गई है। लोकसभा में पारित होने के बाद यह विधेयक राज्यसभा में जाते हैं। वहां से सुझावों–सिफारिशों और मंजूरी के बाद यह विधेयक लोकसभा में लौटता है, जो सिफारिशों को मंजूरी के बिना भी उसे पारित कर सकता है।
(110): धन विधेयक को परिभाषित किया गया है; (112): वार्षिक वित्तीय विवरण, इसे सालाना बजट भी कहा जाता है, जो संसद में वित्त मंत्री पेश करते हैं; (114): विनियोग विधेयक; (123): संसद के विश्रांति काल में अध्यादेश जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति की जानकारी देता है; (124): उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन; (126-147): भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति, उच्चतम न्यायालय की भूमिका और कार्यप्रणाली; (148-151): इसके दायरे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति, उसकी भूमिका और जिम्मेदारियों के साथ ही अंकेक्षण रिपोर्ट देने की जानकारी आती है।
अनुच्छेद 152-237, खंड 6 में राज्यों के संबंध में उपबंध दिए गए हैं। (152-161): इसके तहत राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति, दायित्वों और कामकाज को विस्तार से समझाया गया है; (163): इसमें मंत्रि परिषद की राज्यपाल को सहयोग व सलाह देने की भूमिका का उल्लेख है; (165): राज्यपाल द्वारा राज्य के महाधिवक्ता की नियुक्ति की प्रक्रिया को विस्तार से दिया है; (170):राज्य के विधान मंडलों की संरचना की जानकारी दी गई है; (171): इसमें राज्य के विधान परिषदों की संरचना की जानकारी दी गई है; (194): विधान–मंडलों के सदनों की तथा उनके सदस्यों तथा समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकारों की जानकारी दी गई है; (214-237): उच्च न्यायालय और उसके क्षेत्राधिकार, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति, जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति, निचली अदालतों पर नियंत्रण आदि को इन अनुच्छेदों में परिभाषित किया गया है। (239-242): इस प्रावधान में केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल किया गया है; (243 ए–ओ): पंचायतों और ग्राम सभा की परिभाषा, संचरना और कामकाज की जानकारी दी गई है।
अनुच्छेद 245-263, खंड 9 में संघ और राज्यों के संबंधों को शामिल किया गया है। (245): संसद और राज्यों के विधान–मंडलों की ओर से बनाए गए कानूनों का विस्तार; (257): संसद और राज्यों के विधानमंडलों द्वारा किए गए कानूनों का विस्तार; (246): सामान और सेवा कर के संबंध में कानून बनाने के लिए राज्य विधानसभा और संसद की शक्ति; (249): राज्य सूची में के विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति यदि राज्यसभा द्वारा 2/3 बहुमत के साथ एक प्रस्ताव पारित किया जाता है; (250): आपात की स्थिति में जीएसटी के लिए कानून बनाने के लिए संसद के पास शक्ति; (257): कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण।
अनुच्छेद 268 (संशोधित): औषधीय और शौचालय की सामग्री पर उत्पाद शुल्क राज्य सूची में शामिल किया जाएगा और इस पर जीएसटी कम लगेगा।
अनुच्छेद 268 ए (निरस्त): इसे निरस्त कर दिया गया है क्योंकि जीएसटी में सेवा कर कम हो गया है।
अनुच्छेद 269 ए: यह जीएसटी के तहत अंतर-राज्य व्यापार से संबंधित प्रावधान, यह कर का संग्रह और संघ एवं राज्यों के बीच कर के आवंटन के प्रावधानों से संबंधित है।
अनुच्छेद 279-ए: यह अधिनियम के लागू होने के साठ दिनों के भीतर राष्ट्रपति द्वारा जीएसटी परिषद के संविधान से संबंधित है।
अनुच्छेद 324-329 में चुनावों से जुड़ी कार्यप्रणाली को सविस्तार समझाया गया है।
अनुच्छेद 330-342 के दायरे में एससी/एसटी/ओबीसी/अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विशेष प्रावधान शामिल है।
अनुच्छेद 343-351 के दायरे में संघ और राज्यों की राजभाषा, उच्चतम और उच्च न्यायालय की भाषा और हिंदी भाषा के विकास के बारे में बात की गई है।
अनुच्छेद 352-360; (352): आपातकाल की उद्घोषणा। इसके दायरे में वह प्रावधान आते हैं, जिनके तहत आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। 1975 में आपातकाल लगाने के दौरान, इसे और इससे जुड़े अनुच्छेदों का इस्तेमाल किया गया था और इस पर लंबे समय तक चर्चा भी होती रही है; (356): इसके तहत राज्यों में संवैधानिक व्यवस्था नाकाम रहने की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों की चर्चा की गई है। हाल ही में उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों को इसी अनुच्छेद का इस्तेमाल करते हुए बर्खास्त किया गया था। यह बात अलग है कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से दोनों राज्यों में फिर सरकारें बहाल हो गईं। (360):इसके तहत राष्ट्रपति के पास अधिकार है कि वह वित्तीय आपातकाल घोषित कर सकता है।
अनुच्छेद 368 के तहत राज्य सूची के कुछ मामलों के संबंध में कानून बनाने के लिए संसद को सत्ता प्रदान करता है जैसे कि अगर वे समवर्ती सूची के तहत महत्वपूर्ण हो।
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू–कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया गया है। जम्मू–कश्मीर से जुड़े मसलों में यह अनुच्छेद अक्सर चर्चा में आता है।
अनुच्छेद 371: महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 क: नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 ख: असम राज्य से संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 ग: मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 घ: आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 च: आंध्र प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंध
अनुच्छेद 371 छ: सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 ज: मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 झ: अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 371 व: गोवा राज्य के संबंध में विशेष प्रावधान, राज्य की विधान सभा में तीस से कम सदस्य नहीं होने चाहिए।
अनुच्छेद 372: के तहत मौजूदा कानून का बना रहना और उनका अनुकूलन तब तक लागू रहेगा जब तक कि बदले, निरस्त या संशोधित न हो।
अनुच्छेद 372 ए: के तहत निरस्त या संशोधन के माध्यम से कानूनों का अनुकूलन और संशोधित करने के लिए राष्ट्रपति की शक्तियों को शामिल किया जाता है।
अनुच्छेद 373: यह कुछ मामलों में प्रतिबंधित रूकावट में व्यक्तियों के संबंध में आदेश देने के लिए राष्ट्रपति की शक्ति से संबंधित है।
अनुच्छेद 374: इसमें संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों और संघीय न्यायालय में या परिषद महामहिम के समक्ष लंबित कार्यवाही के संबंध में प्रावधान शामिल है। यह बताता है कि संघीय न्यायालय के न्यायाधीश जो संविधान के शुरू होने से पहले कार्य कर रहे थे, उसी पद पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बन जाएंगे। संघीय न्यायालय में लंबित नागरिक और आपराधिक दोनों मामलों में, अपील और कार्यवाही संविधान के शुरूआती नियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटा दिया जाएगा।
अनुच्छेद 375: के तहत न्‍यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों से संबंधित है जो संविधान के प्रावधानों के अधीन कार्य करना जारी रखेंगे।
अनुच्छेद 376: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में प्रावधान।
अनुच्छेद 377: भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक से संबंधित प्रावधान
अनुच्छेद 378: लोक सेवा आयोग से संबंधित प्रावधान
सूचना: यह लेख 15 जुलाई 2016 को देबू सी द्वारा लिखा गया है। इस लेख में निहित जानकारी हाल ही में अपडेट की गई है।

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हिंदुस्तान से जुड़े 40 रोचक तथ्य By Ajay Mohan Updated: Mon, Jan 16, 2017, 17:33 [IST] India's 40 Interesting fact, Watch Video । वनइंडिया हिंदी देश बदल रहा है, प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। साथ ही परिवर्तन की लहर भी दौड़ चुकी है। ऐसे में तमाम लोग सिर्फ सिस्‍टम को गालियां देना पसंद करते हैं। यूं कहिये कि जब बात जब देश की आती है, तो अधिकांश लोगों की सोच नकारात्‍मक होती है। तमाम ऐसे हैं, जो घर, दुकान पर बैठे-बैठे या सड़क किनारे पान या चाय की दुकान पर खड़े होकर देश के सिस्‍टम को गालियां देते हैं। सच पूछिए तो गालियां देने से कुछ नहीं होने वाला। एक सकारात्‍मक सोच विकसित करनी ही होगी, क्‍योंकि तभी आप देश की तरक्‍की में हाथ बंटा पायेंगे। पढ़ें- दुनिया भर के रोचक तथ्य यह सकारात्‍मक सोच आयेगी अपने देश के इतिहास के पन्‍ने पलटने से। काले अध्‍यायों के साथ तमाम ऐसे अध्‍याय भी हैं, जो देश का गौरव बने। जिन पर हम गर्व कर सकते हैं। देश के लिये एक सकारात्‍मक सोच विकसित करने के लिये ही हम आपके सामने रख रहे हैं देश के बारे में 40 तथ्‍य, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। या हो सकता है ये 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भाषाये हैं जो कि देश के 22 राज्यों में बोली जाती है। भारत में 1,652 बोलियां और भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। अंग्रेजी भाषा सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है भारत में हिंदी के बाद सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत विश्व का 24वां देश हैं जहां सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत में 22 राज्य हैं जहां हिंदी और अंग्रेजी मानक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है। तक्षशीला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व में भारत का पहला विश्वविद्यालय तक्षिला खुला था जिसमें से पढ़े हुए हजारों छात्रों ने विश्व के कोने-कोने में देश की खुशबू फैलायी। डाक व्यवस्था सबसे बड़ी डाक व्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी डाक व्यवस्था केवल भारत के ही पास है। सबसे पुराना शहर वाराणसी देश की पवित्र नगरी वाराणसी विश्व का सबसे पुराना शहर है। अजूबा आगरा का ताजमहल आगरा का ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है जिसे कि मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। सड़क सबसे बड़ी रोड नेटवर्क विश्व की सबसे बड़ी रोड नेटवर्क भारत के ही पास है जो कि 1.9 मिलियन मील के हिस्से को आपस में जोड़ते हैं। चतुरंग संस्कृत शतरंज शतरंज जिसे के Chess कहते हैं उसका अविष्कार भारत में ही हुआ था।इसे 'चतुरंग संस्कृत' के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ होता है 'एक सेना के चार सदस्य'। हीरा हीरा हीरा: साल 1986 तक भारत अकेला विश्व का देश था जहां अधिकारिक रूप से हीरा पाया जाता था। निर्यात निर्यात हजारों सालों से भारत कपड़े को निर्यात कर रहा है इसके अलावा स्टील, कृषि वस्तुओं, और इस तरह की तकनीक या चिकित्सा से जु़ड़ी चीजों को भी वह निर्यात करता है। आयु वर्ग आयु वर्ग भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग 25 साल से छोटे हैं तो वहीं 65 प्रतिशत लोग 35 साल से छोटे हैं। भारत में दूसरे देशों की अपेक्षा लोग जल्द ही जवान होते हैं। भारत की सभ्‍यता सबसे पुरानी सभ्‍यता भारत की सभ्‍यता विश्‍व में सबसे पुरानी है, यहां तक की विश्‍व के कई प्राचीनम स्‍थान और इमारतें भारत में हैं। भारत के प्राचीन साम्राज्‍य मिश्र और मेसोपोटामिया से भी पहले के हैं। फिल्‍में सबसे बड़ी फिल्‍म इंडस्‍ट्री विश्‍व की सबसे बड़ी फिल्‍म इंडस्‍ट्री भारत में हैं। ज्‍यादा फिल्‍में बॉलीवुड में बनती हैं, देश के अन्‍य कई स्‍टूडियों में भी फिल्‍मों का निर्माण होता है। वैदिक शास्‍त्र पवित्र कृतियां 500 से 2000 तक के वैदिक शास्‍त्रों का लेखन पंजाब क्षेत्र में किया गया। नंबर 'जीरो' जीरो का निर्माण गणित में सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण नंबर 'जीरो' की अवधारणा भारत ने ही दुनिया को दी। स्‍कूल सबसे बड़ा मॉन्‍टेसरी स्‍कूल भारत में ही विश्‍व का सबसे बड़ा मॉन्‍टेसरी स्‍कूल है। वो है लखनऊ का सिटी मोन्‍टेसरी स्‍कूल, जिसमें विद्यार्थियों की संख्‍या लगभग 26000 है। केला केले का सर्वाधिक निर्यात विश्‍व में केले का सर्वाधिक निर्यात भारत ही करता है। दूसरे स्‍थान पर ब्राजील है। दूध का उत्‍पादन दूध का उत्‍पादन भारत में विश्‍व का सर्वाधिक उत्‍पादन किया जाता है। भाग्‍यशाली रंग लाल रंग शुभ भारत में लाल रंग को शुभ माना जाता है, विवाह और अलग अलग अवसरों पर इसी रंग के कपड़े पहने जाते हैं। शाकाहार: शाकाहार: भारत में शाकाहारियों की संख्‍या विश्‍व में सर्वाधिक हैं। सर्वाधिक पर्वत श्रंखलाएं सर्वाधिक पर्वत श्रंखलाएं भारत के हिमालय स्थित है। इसके अलावा यहां पर पर्वत श्रंखलाएं लगभग 1500 मील में फैली हुई हैं जो कि 23, 600 फीट तक ऊंची हैं। विष्‍णु मंदिर सबसे ज्‍यादा श्रद्धालु तिरूपति स्थित विष्‍णु मंदिर दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां सबसे ज्‍यादा श्रद्धालु आते हैं। यहां वेटिकन और मक्‍का से भी श्रद्धालु आते हैं। सबसे पहला मकबरा सबसे पहला मकबरा दुनिया में शायद कुछ लोगों को पता होगा कि दुनिया में सबसे पहला मकबरा भारत में ही बनाया गया था। यहां कब्र शाहजंहा ने हुमायूं के लिये बनाया गया था हालांकि उसके बाद उनकी पत्‍नी और अन्‍य मुगल खानदान के लोगों को भी यहीं दफनाया गया। धार्मिक संग्रह धार्मिक संग्रह हर 12 साल के बाद इलाहाबाद में कुंभ मेला का आयोजन होता है। कुंभ मेला दुनिया में एक मात्र ऐसा मेला है जहां धर्म के नाम पर सबसे ज्‍यादा लोगों आते हैं। बृहादेश्‍वर मंदिर बृहादेश्‍वर मंदिर बृहादेश्‍वर मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है जहां शिव भगवान की सवारी नंदी की सबसे बड़ी मूर्ति है। उसकी उंचाई जो 13 फिट की जगह में बनी हुई है। इस मंदिर का निर्माण के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें Read More About: स्‍वतंत्रता दिवसभारतआजादी English Summary On the occasion of Independence Day we have bring 50 interesting facts about India. These facts about India will blow your mind away. देश के लिये एक सकारात्‍मक सोच विकसित करने के लिये ही हम आपके सामने रख रहे हैं देश के बारे में 40 तथ्‍य, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। Newsletter Sign up for our daily Newsletter Enter your email id Home | Photos | Movies | Apps | Sitemap | ContactMedia Pvt

About Indian Culture in hindi

या दौर आया। सन् २००७ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सा 16.6% था। उस समय सम्पूर्ण कार्य करने वालों का 52% कृषि में लगा हुआ था। इतिहास संपादित करें भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे। १९६० के बाद उच्च उपज बीज (HYV) का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चावल के उत्पादन में काफी वृद्धी हुई जिस कारण इसे हरित क्रांति भी कहा गया। उत्पादन संपादित करें भारत में विभिन्न वर्षों में दाल-गेहूँ का उत्पादन (दस करोड़ टन में)[कृपया उद्धरण जोड़ें]- 1970-71 12-24 1980-81 11-36 1990-91 14-55 2000-01 11-70 2008-10 12-60 कृषि औजार संपादित करें भारत में कृषि में परंपरागत औजारों जैसे फावड़ा, खुरपी, कुदाल, हँसिया, बल्लम, के साथ ही आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी किया जाता है। किसान जुताई के लिए ट्रैक्टर, कटाई के लिए हार्वेस्टर तथा गहाई के लिए थ्रेसर का प्रयोग करते हैं। अवलोकन संपादित करें २०१० एफएओ विश्व कृषि सांख्यिकी, के अनुसार भारत के कई ताजा फल और सब्जिया, दूध, प्रमुख मसाले आदि को सबसे बड़ा उत्पादक ठहराया गया है। रेशेदार फसले जैसे जूट, कई स्टेपल जैसे बाजरा और अरंडी के तेल के बीज आदि का भी उत्पादक है। भारत गेहूं और चावल की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत, दुनिया का दूसरा या तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है कई चीजो का जैसे सूखे फल, वस्त्र कृषि-आधारित कच्चे माल, जड़ें और कंद फसले, दाल, मछलीया, अंडे, नारियल, गन्ना और कई सब्जिया। २०१० मई भारत को दुनिया का पॉचवा स्थान हासिल हुआ जिसके मुताबिक उसने ८०% से अधिक कई नकदी फसलो का उत्पादन् किया जैसे कॉफी और कपास आदि। २०११ के रिपोर्ट के अनुसार, भारत को दुनिया में पाँचवे स्थान पर रखा गया जिसके मुताबिक व सबसे तेज़ वृद्धि के रूप में पशुधन उत्पादक करता है। २००८ के एक रिपोर्ट ने दावा किया कि भारत की जनसंख्या, चावल और गेहूं का उत्पादन करने की क्षमता से अधिक तेजी से बढ़ रही है। अन्य सुत्रो से पता चलता है कि, भारत अपनी बढती जनसंख्या को अराम से खिला सकता है और साथ ही साथ चावल और गेहूं को निर्यात भी कर सकता है। बस, भारत को अपनी बुनियादी सुविधाओं को बढाना होगा जिससे उत्पादक भी बढे जैसे अन्य देश ब्राजील और चीन ने किया। भारत २०११ में लगभग २लाख मीट्रिक टन गेहूँ और २.१ करोड़ मीट्रिक टन चावल का निर्यात अफ्रीका, नेपाल, बांग्लादेश और दुनिया भर के अन्य देशों को किया। जलीय कृषि और पकड़ मत्स्यपालन भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों के बीच है। १९९० से २०१० के बीच भारतीय मछली फसल दोगुनी हुई, जबकि जलीय कृषि फसल तीन गुना बढ़ा। २००८ में, भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक था समुद्री और मीठे पानी की मत्स्य पालन के क्षेत्र में और दूसरा सबसे बड़ा जलीय मछली कृषि का निर्माता था। भारत ने दुनिया के सभी देशों को करीब ६,00,000 मीट्रिक टन मछली उत्पादों का निर्यात किया। भारत ने पिछ्ले ६० वर्षो मैं कृषि विभाग में कई सफलताए प्राप्त की है। ये लाभ मुख्य रूप से भारत को हरित क्रांति, पावर जनरेशन, बुनियादी सुविधाओं, ज्ञान में सुधार आदि से प्राप्त हुआ। भारत में फसल पैदावार अभी भी सिर्फ ३०% से ६०% ही है। अभी भी भारत में कृषि प्रमुख उत्पादकता और कुल उत्पादन लाभ के लिए क्षमता है। विकासशील देशों के सामने भारत अभी भी पीछे है। इसके अतिरिक्त, गरीब अवसंरचना और असंगठित खुदरा के कारण, भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा खाद्य घाटे से कुछ का अनुभव किया और नुकसान भी भुगतना पड़ा। भारत मे सिंचाई संपादित करें सरदार सरोवर नहर (गुजरात) मुख्य लेख: भारत में सिंचाई व्यवस्था भारत में सिंचाई का मतलब खेती और कृषि गतिविधियों के प्रयोजन के लिए भारतीय नदियों, तालाबों, कुओं, नहरों और अन्य कृत्रिम परियोजनाओं से पानी की आपूर्ति करना होता है। भारत जैसे देश में, ६४% खेती करने की भूमि, मानसून पर निर्भर होती है। भारत में सिंचाई करने का आर्थिक महत्व है - उत्पादन में अस्थिरता को कम करना, कृषि उत्पादकता की उन्नती करना, मानसून पर निर्भरता को कम करना, खेती के अंतर्गत अधिक भूमि लाना, काम करने के अवसरों का सृजन करना, बिजली और परिवहन की सुविधा को बढ़ाना, बाढ़ और सूखे की रोकथाम को नियंत्रण में करना। पहल वित्त वर्ष २०१३-१४ के अंत में भारत में कृषि की स्थिति[1] संपादित करें zsxds भारत की प्रमुख फसलों के उत्पादक क्षेत्र वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत वर्ष 2013-14 में 264.4 मिलियन टन खाद्यान का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 32.4 मिलियन टन तिलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 19.6 मिलियन टन दलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में मुंगफली का सबसे अधिक 73.17 प्रतिशत उत्‍पादन हुआ अंगूर, केला, कसाबा, मटर और पपीता के उत्‍पादन के क्षेत्र में विश्‍व में भारत का पहला स्‍थान है वर्ष 2013-14 में खाद्यान के तहत क्षेत्र 4.47 प्रतिशत से बढ़कर 126.2 मिलियन हैक्‍टर हो गया वर्ष 2013-14 में तिलहन का क्षेत्र 6.42 प्रतिशत से बढ़कर 28.2 मिलियन हैक्‍टर हुआ 01 जून 2014 को केन्‍द्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडारण 69.84 मिलियन टन 2013 में खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता 15 प्रतिशत बढ़कर 229.1 मिलियन टन हो गई वर्ष 2013 में प्रति व्‍यक्ति कुल खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता बढ़कर 186.4 किलोग्राम हो गई वर्ष 2013-14 में कृषि निर्यात में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि वर्ष 2013-14 में समुद्री उत्‍पादों के निर्यात में 45 प्रतिशत वृद्धि दर रही वर्ष 2012-13 में दूध उत्‍पादन 132.43 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा वर्ष 2013-14 में कुल सकल घरेलू उत्‍पाद में पशुधन क्षेत्र की 4.1 प्रतिशत भागीदारी रही वर्ष दर वर्ष भारत में दूध उत्‍पादन की वृद्धि दर 4.04 प्रतिशत है जबकि विश्‍व में यह औसत 2.2 प्रतिशत है वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण 7,00,000 करोड़ रुपये के लक्ष्‍य से अधिक वर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्‍पाद में कृषि और इसके सहयोगी क्षेत्रों की हिस्‍सेदारी 13.9 प्रतिशत से घटी किसानों की संख्‍या घटी, वर्ष 2001 में 12.73 करोड़ किसान थे जिनकी संख्‍या घटकर 2011 में 11.87 करोड़ रह गई। उत्पादन में भारत का स्थान पहला स्थान : गन्ना, बाजरा, जूट, अरंडी, आम, केला, अंगूर, कसाबा, मटर, अदरक, पपीता और दूध दूसरा स्थान : गेहूँ, चावल, फल और सब्जियाँ, चाय, आलू, प्याज, लहसुन, चावल, बिनौला तीसरा स्थान : उर्वरक कृषि संस्थान संपादित करें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, काँके कृषि संबंधित अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय ब्यूरो एवं निदेशालय/परियोजना निदेशालय संपादित करें समतुल्य विश्वविद्यालय संपादित करें 1.भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल 3.भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 4.केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई संस्थान संपादित करें 1.केन्द्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक 2.विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा 3.भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर 4.केन्द्रीय तम्बाकू अनुसंधान संस्थान, राजामुंद्री 5.भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ 6.गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर 7.केन्द्रीय कपास संस्थान, नागपुर 8.केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 9.भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी 10. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर 11. केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ 12. केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर 13. केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर 14. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी 15. केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला 16. केन्द्रीय कंदी फसलें अनुसंधान संस्थान, त्रिवेन्द्रम 17. केन्द्रीय रोपण फसलें अनुसंधान संस्थान, कासरगोड 18. केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेअर 19. भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कालीकट 20. केन्द्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून 21. भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल 22. केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल 23. पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, मखाना केन्द्र सहित, पटना 24. केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद 25. केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर 26. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, गोवा 27. पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, बारापानी 28. राष्ट्रीय अजैविक दबाव प्रबन्धन संस्थान, मालेगांव, महाराष्ट्र 29. केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल 30. केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना 31. भारतीय प्राकृतिक रेज़िन और गोंद संस्थान, रांची 32. केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई 33. राष्ट्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता 34. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 35. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम 36. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार 37. राष्ट्रीय पशु पोषण और कायिकी संस्थान, बेंगलौर 38. केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 39. केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि 40. केन्द्रीय खारा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, चैन्नई 41. केन्द्रीय अंतः स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 42. केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि 43. केन्द्रीय ताजा जल जीव पालन संस्थान, भुवनेश्वर 44. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबन्धन अकादमी, हैदराबाद राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्यौगिकी अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय समन्वित कीट प्रबन्धन केन्द्र, नई दिल्ली 3.राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर 4.राष्ट्रीय नीबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र, नागपुर 5.राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे 6.राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, त्रिची 7.राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केन्द्र, अजमेर 8.राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर 9.राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र, पेकयांग, सिक्किम 10. राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र, झांसी 11. राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर 12. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार 13. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद 14. राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केन्द्र, गुवाहाटी 15. राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, वेस्ट केमंग 16. राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, मेदजीफेमा, नगालैंड 17. राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली राष्ट्रीय ब्यूरो संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप आनुवंशिकी ब्यूरो, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीव ब्यूरो, मऊ, उत्तर प्रदेश 3.राष्ट्रीय कृषि के लिए उपयोगी कीट ब्यूरो, बेंगलौर 4.राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर 5.राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, करनाल 6.राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, लखनऊ निदेशालय/प्रायोजना निदेशालय संपादित करें 1.मक्का अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली 2.धान अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 3.गेहूँ अनुसंधान निदेशालय, करनाल 4.तिलहन अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 5.बीज अनुसंधान निदेशालय, मऊ 6.ज्वार अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 7.मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ 8.सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इंदौर 9.तोरिया और सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर 10. मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन 11. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे 12. काजू , भुवनेश्वर