भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

Writer ..ABHISHEK PANDEY

भारत के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश

भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेश
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भारत राज्यों का एक संघ है।[1] इसमें उन्तीस राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं। ये राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश पुनः जिलों और अन्य क्षेत्रों में बांटे गए हैं।[1].

भारत के राज्य और केन्द्र-शासित प्रदेशसंपादित करें

राज्य या केन्द्र-शासित प्रदेश का नामआइएसओवाहन अक्षरराजधानीसबसे बड़ा शहरगठनजनसंख्या(2011)[2]क्षेत्रफल
(किमी2)
राजभाषा[3]अतिरिक्त
राजभाषा[3]
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूहIN-AN.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-ANANपोर्ट ब्लेयर1 नवम्बर 19563,80,5818,249हिन्दीअंग्रेज़ी
अरुणाचल प्रदेशIN-AR.svgराज्यIN-ARARईटानगर20 फ़रवरी 198713,83,72783,743अंग्रेज़ी
असमIN-AS.svgराज्यIN-ASASदिसपुरगुवाहाटी26 जनवरी 19503,12,05,57678,550असमिया
आन्ध्र प्रदेशIN-AP.svgराज्यIN-APAPहैदराबाद(कानूनी)
अमरावती(वास्तव)[4][5]
विशाखपट्नम1 अक्टूबर 19534,93,86,7991,60,205तेलुगू
उत्तर प्रदेशIN-UP.svgराज्यIN-UPUPलखनऊकानपुर26 जनवरी 195019,98,12,3412,43,286हिन्दीउर्दू
उत्तराखण्डIN-UT.svgराज्यIN-UTUKदेहरादून9 नवम्बर 20001,00,86,29253,483हिन्दीसंस्कृत[6]
ओडिशाIN-OR.svgराज्यIN-ORODभुवनेश्वर26 जनवरी 19504,19,74,2181,55,820ओड़िया
कर्नाटकIN-KA.svgराज्यIN-KAKAबेंगलुरु1 नवम्बर 19566,10,95,2971,91,791कन्नड़
केरलIN-KL.svgराज्यIN-KLKLतिरुवनन्तपुरम1 नवम्बर 19563,34,06,06138,863मलयालम
गुजरातIN-GJ.svgराज्यIN-GJGJगाँधीनगरअहमदाबाद1 मई 19606,04,39,6921,96,024गुजराती
गोवाIN-GA.svgराज्यIN-GAGAपणजीवास्को द गामा30 मई 198714,58,5453,702कोंकणीमराठी
चण्डीगढ़IN-CH.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-CHCHचण्डीगढ़[a]1 नवम्बर 196610,55,450114अंग्रेज़ी
छत्तीसगढ़IN-CT.svgराज्यIN-CTCGनया रायपुररायपुर1 नवम्बर 20002,55,45,1981,35,194हिन्दी
जम्मू और कश्मीरIN-JK.svgराज्यIN-JKJKश्रीनगर(ग्रीष्मकालीन)
जम्मू(शीतकालीन)
श्रीनगर26 जनवरी 19501,25,41,3022,22,236उर्दू
झारखण्डIN-JH.svgराज्यIN-JHJHराँचीजमशेदपुर15 नवम्बर 20003,29,88,13474,677हिन्दीबंगालीहोखड़ियाखोरठाकुरमालीकुड़ुख़मुंडारीनागपुरीओड़ियापंचपरगनियासंथालीउर्दू[7]
तमिल नाडुIN-TN.svgराज्यIN-TNTNचेन्नई26 जनवरी 19507,21,47,0301,30,058तमिलअंग्रेज़ी
तेलंगानाIN-TG.svgराज्यIN-TGTSहैदराबाद2 जून 20143,51,93,978[8]1,14,840[8]तेलुगूउर्दू[9]
त्रिपुराIN-TR.svgराज्यIN-TRTRअगरतला21 जनवरी 197236,73,91710,492बंगालीककबरकअंग्रेज़ी
दमन और दीवIN-DD.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-DDDDदमन30 मई 19872,43,247112कोंकणीगुजरातीहिन्दीअंग्रेज़ी[b]
दादरा और नगर हवेलीIN-DN.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-DNDNसिलवास11 अगस्त 19613,43,709491हिन्दीगुजरातीमराठी
नागालैण्डIN-NL.svgराज्यIN-NLNLकोहिमादीमापुर1 दिसम्बर 196319,78,50216,579अंग्रेज़ी
पंजाबIN-PB.svgराज्यIN-PBPBचण्डीगढ़लुधियाना1 नवम्बर 19662,77,43,33850,362पंजाबी
पश्चिम बंगालIN-WB.svgराज्यIN-WBWBकोलकाता26 जनवरी 19509,12,76,11588,752बंगाली[c]हिन्दीउर्दूसंथालीओड़ियापंजाबी
पुदुच्चेरीIN-PY.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-PYPYपुदुच्चेरी1 नवम्बर 195612,47,953492तमिलअंग्रेज़ीमलयालमतेलुगू
बिहारIN-BR.svgराज्यIN-BRBRपटना26 जनवरी 195010,40,99,45299,200हिन्दीउर्दू
मणिपुरIN-MN.svgराज्यIN-MNMNइम्फाल21 जनवरी 197228,55,79422,347मणिपुरीअंग्रेज़ी
मध्य प्रदेशIN-MP.svgराज्यIN-MPMPभोपालइन्दौर1 नवम्बर 19567,26,26,8093,08,252हिन्दी
महाराष्ट्रIN-MH.svgराज्यIN-MHMHमुम्बई1 मई 196011,23,74,3333,07,713मराठी
मिज़ोरमIN-MZ.svgराज्यIN-MZMZआइज़ोल20 फ़रवरी 198710,97,20621,081अंग्रेज़ीहिन्दीमिज़ो
मेघालयIN-ML.svgराज्यIN-MLMLशिलांग21 जनवरी 197229,66,88922,720अंग्रेज़ीखासी[d]
राजस्थानIN-RJ.svgराज्यIN-RJRJजयपुर1 नवम्बर 19566,85,48,4373,42,269हिन्दीअंग्रेज़ी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्लीIN-DL.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-DLDLनई दिल्लीदिल्ली[e]1 नवम्बर 19661,67,87,9411,490हिन्दीपंजाबीउर्दू[10]
लक्षद्वीपIN-LD.svgकेन्द्र-शासित प्रदेशIN-LDLDकवरत्ती1 नवम्बर 195664,47332अंग्रेज़ीहिन्दी
सिक्किमIN-SK.svgराज्यIN-SKSKगान्तोक16 मई 19756,10,5777,096अंग्रेज़ीभूटियागुरूङलेपचालिंबूमगरमुखियानेपालभाषाराईशेर्पातामाङ
हरियाणाIN-HR.svgराज्यIN-HRHRचण्डीगढ़फरीदाबाद1 नवम्बर 19662,53,51,46244,212हिन्दीपंजाबी[11][12]
हिमाचल प्रदेशIN-HP.svgराज्यIN-HPHPशिमला25 जनवरी 197168,64,60255,673हिन्दीअंग्रेज़ी

१९५६ से पूर्वसंपादित करें

भारत
Flag of India.svg
क्षेत्रफल | वाहन घनत्व | लिंगानुपात
जनसंख्या | राजधानियाँ | राष्ट्रीय महामार्ग
उच्चतम बिन्दु | बाल पोषाहार | बेरोज़गारी दर
जीडीपी | अपराध दर | आर्थिक मुक्ति
कर राजस्व | गृह स्वामित्व | लोकसभा सीटें
संक्षिप्त नाम | संस्थागत प्रसव | मानव तस्करी
प्राकृतिक जन्म दर | जीवन प्रत्याशा | मतदाता संख्या
टीकाकरण | | निर्धनता दर
साक्षरता दर | बलात्कार दर | दंगा दर
बिजली | पेयजल उपलब्धता | विद्यालय नामांकन दर
राजधानियाँ | महिला सुरक्षा | एच॰आई॰वी जागरुकता
मीडिया की पहुँच | नाम की व्युत्पत्ति | परिवार का आकार
अल्पभार जनसंख्या | टीवी स्वामित्व | ऊर्जा उत्पादन क्षमता
इस संदूक को: देखें  संवाद  संपादन
भारत के इतिहास में भारतीय उपमहाद्वीप पर विभिन्न जातीय समूहों ने शासन किया और इसे अलग-अलग प्रशासन-संबन्धी भागों में विभाजित किया। आधुनिक भारत के वर्तमान प्रशासनिक प्रभाग नए घटनाक्रम हैं, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान विकसित हुए। ब्रिटिश भारतमें, वर्तमान भारत, पाकिस्तान और बंगलादेश, साथ ही अफ़्गानिस्तान प्रांत और उससे जुड़े संरक्षित प्रांत, बाद में उपनिवेश बना, बर्मा (म्यांमार) आदि, सभी राज्य समाहित थे। इस अवधि के दौरान, भारत के क्षेत्रों में या तो ब्रिटिशों का शासन था या उन पर स्थानीय राजाओं का नियंत्रण था। १९४७ में स्वतन्त्रता के बाद इन विभागों को संरक्षित किया गया और पंजाब तथा बंगाल के प्रांतों को भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित किया गया। नए राष्ट्र के लिए पहली चुनौती थी राजसी राज्यों का संघों में विलय।
स्वतन्त्रता के बाद, हालांकि, भारत में अस्थिरता आ गई। कई प्रांत औपनिवेशिकरण के उद्देश्य से ब्रिटिशों द्वारा बनाए गए, पर इन पर भारतीय नागरिकों की या राजसी राज्यों की कोई इच्छा दिखाई नहीं दी। १९५६ में जातीय तनाव ने संसद का दरवाजा खटखटाया और राज्य पुनर्गठन अधिनियम के आधार पर देश को जातीय और भाषाई आधार पर पुनर्निर्माण करने के लिए अधिनियम लाया गया।

१९५६ के बादसंपादित करें

भारत में जिस प्रकार पूर्व में फ़्रांसीसी और पुर्तगालीउपनिवेशों को गणराज्य में समाहित किया गया था, वैसे ही १९६२ में पांडिचेरीदादरानगर हवेलीगोआदमन और दियू को संघ राज्य बनाया गया।
१९५६ के बाद कई नए राज्यों और संघ राज्यों को बनाया गया। बम्बई पुनर्गठन अधिनियम के द्वारा १ मई१९६० को भाषाई आधार पर बंबई राज्य को गुजरात और महाराष्ट्र के रूप में अलग किया गया। १९६६ के पंजाब पुनर्गठन अधिनियम ने भाषाई और धार्मिक पैमाने पर पंजाब (भारत)को हरियाणा के नए हिन्दू बहुल और हिन्दी भाषी राज्यों में बाँटा और पंजाब के उत्तरी जिलों को हिमाचल प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया गया और एक जिले को चण्डीगढ़ का नाम दिया जो पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है। नागालैण्ड १९६२ में, मेघालय और हिमाचल प्रदेश १९७१ में, त्रिपुरा और मणिपुर १९७२ में राज्य बनाए गए। १९७२ में अरुणाचल प्रदेश को एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। सिक्किम राज्य १९७५ में एक राज्य के रूप में भारतीय संघ में सम्मिलित हो गया। १९८६ में मिज़ोरम और १९८७ में गोआ और अरुणाचल प्रदेश राज्य बने जबकि गोआ के उत्तरी भाग दमन और दीयु एक अलग संघ राज्य बन गए। २००० में तीन नए राज्य बनाए गए। पूर्वी मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ (१ नवंबर, २०००) में और उत्तरांचल (९ नवंबर, २०००) बनाए गए जो अब उत्तराखण्ड है। उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों के कारण झारखण्ड (१५ नवंबर २०००) को बिहार के दक्षिणी जिलों में से पृथक कर बनाया गया। दो केन्द्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पाण्डिचेरी (जो बाद में पुदुचेरी कहा गया) को विधानसभा सदस्यों का अधिकार दिया गया और अब वे छोटे राज्यों के रूप में गिने जाते हैं

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About Indian Culture in hindi

या दौर आया। सन् २००७ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सा 16.6% था। उस समय सम्पूर्ण कार्य करने वालों का 52% कृषि में लगा हुआ था। इतिहास संपादित करें भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे। १९६० के बाद उच्च उपज बीज (HYV) का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चावल के उत्पादन में काफी वृद्धी हुई जिस कारण इसे हरित क्रांति भी कहा गया। उत्पादन संपादित करें भारत में विभिन्न वर्षों में दाल-गेहूँ का उत्पादन (दस करोड़ टन में)[कृपया उद्धरण जोड़ें]- 1970-71 12-24 1980-81 11-36 1990-91 14-55 2000-01 11-70 2008-10 12-60 कृषि औजार संपादित करें भारत में कृषि में परंपरागत औजारों जैसे फावड़ा, खुरपी, कुदाल, हँसिया, बल्लम, के साथ ही आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी किया जाता है। किसान जुताई के लिए ट्रैक्टर, कटाई के लिए हार्वेस्टर तथा गहाई के लिए थ्रेसर का प्रयोग करते हैं। अवलोकन संपादित करें २०१० एफएओ विश्व कृषि सांख्यिकी, के अनुसार भारत के कई ताजा फल और सब्जिया, दूध, प्रमुख मसाले आदि को सबसे बड़ा उत्पादक ठहराया गया है। रेशेदार फसले जैसे जूट, कई स्टेपल जैसे बाजरा और अरंडी के तेल के बीज आदि का भी उत्पादक है। भारत गेहूं और चावल की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत, दुनिया का दूसरा या तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है कई चीजो का जैसे सूखे फल, वस्त्र कृषि-आधारित कच्चे माल, जड़ें और कंद फसले, दाल, मछलीया, अंडे, नारियल, गन्ना और कई सब्जिया। २०१० मई भारत को दुनिया का पॉचवा स्थान हासिल हुआ जिसके मुताबिक उसने ८०% से अधिक कई नकदी फसलो का उत्पादन् किया जैसे कॉफी और कपास आदि। २०११ के रिपोर्ट के अनुसार, भारत को दुनिया में पाँचवे स्थान पर रखा गया जिसके मुताबिक व सबसे तेज़ वृद्धि के रूप में पशुधन उत्पादक करता है। २००८ के एक रिपोर्ट ने दावा किया कि भारत की जनसंख्या, चावल और गेहूं का उत्पादन करने की क्षमता से अधिक तेजी से बढ़ रही है। अन्य सुत्रो से पता चलता है कि, भारत अपनी बढती जनसंख्या को अराम से खिला सकता है और साथ ही साथ चावल और गेहूं को निर्यात भी कर सकता है। बस, भारत को अपनी बुनियादी सुविधाओं को बढाना होगा जिससे उत्पादक भी बढे जैसे अन्य देश ब्राजील और चीन ने किया। भारत २०११ में लगभग २लाख मीट्रिक टन गेहूँ और २.१ करोड़ मीट्रिक टन चावल का निर्यात अफ्रीका, नेपाल, बांग्लादेश और दुनिया भर के अन्य देशों को किया। जलीय कृषि और पकड़ मत्स्यपालन भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों के बीच है। १९९० से २०१० के बीच भारतीय मछली फसल दोगुनी हुई, जबकि जलीय कृषि फसल तीन गुना बढ़ा। २००८ में, भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक था समुद्री और मीठे पानी की मत्स्य पालन के क्षेत्र में और दूसरा सबसे बड़ा जलीय मछली कृषि का निर्माता था। भारत ने दुनिया के सभी देशों को करीब ६,00,000 मीट्रिक टन मछली उत्पादों का निर्यात किया। भारत ने पिछ्ले ६० वर्षो मैं कृषि विभाग में कई सफलताए प्राप्त की है। ये लाभ मुख्य रूप से भारत को हरित क्रांति, पावर जनरेशन, बुनियादी सुविधाओं, ज्ञान में सुधार आदि से प्राप्त हुआ। भारत में फसल पैदावार अभी भी सिर्फ ३०% से ६०% ही है। अभी भी भारत में कृषि प्रमुख उत्पादकता और कुल उत्पादन लाभ के लिए क्षमता है। विकासशील देशों के सामने भारत अभी भी पीछे है। इसके अतिरिक्त, गरीब अवसंरचना और असंगठित खुदरा के कारण, भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा खाद्य घाटे से कुछ का अनुभव किया और नुकसान भी भुगतना पड़ा। भारत मे सिंचाई संपादित करें सरदार सरोवर नहर (गुजरात) मुख्य लेख: भारत में सिंचाई व्यवस्था भारत में सिंचाई का मतलब खेती और कृषि गतिविधियों के प्रयोजन के लिए भारतीय नदियों, तालाबों, कुओं, नहरों और अन्य कृत्रिम परियोजनाओं से पानी की आपूर्ति करना होता है। भारत जैसे देश में, ६४% खेती करने की भूमि, मानसून पर निर्भर होती है। भारत में सिंचाई करने का आर्थिक महत्व है - उत्पादन में अस्थिरता को कम करना, कृषि उत्पादकता की उन्नती करना, मानसून पर निर्भरता को कम करना, खेती के अंतर्गत अधिक भूमि लाना, काम करने के अवसरों का सृजन करना, बिजली और परिवहन की सुविधा को बढ़ाना, बाढ़ और सूखे की रोकथाम को नियंत्रण में करना। पहल वित्त वर्ष २०१३-१४ के अंत में भारत में कृषि की स्थिति[1] संपादित करें zsxds भारत की प्रमुख फसलों के उत्पादक क्षेत्र वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत वर्ष 2013-14 में 264.4 मिलियन टन खाद्यान का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 32.4 मिलियन टन तिलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 19.6 मिलियन टन दलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में मुंगफली का सबसे अधिक 73.17 प्रतिशत उत्‍पादन हुआ अंगूर, केला, कसाबा, मटर और पपीता के उत्‍पादन के क्षेत्र में विश्‍व में भारत का पहला स्‍थान है वर्ष 2013-14 में खाद्यान के तहत क्षेत्र 4.47 प्रतिशत से बढ़कर 126.2 मिलियन हैक्‍टर हो गया वर्ष 2013-14 में तिलहन का क्षेत्र 6.42 प्रतिशत से बढ़कर 28.2 मिलियन हैक्‍टर हुआ 01 जून 2014 को केन्‍द्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडारण 69.84 मिलियन टन 2013 में खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता 15 प्रतिशत बढ़कर 229.1 मिलियन टन हो गई वर्ष 2013 में प्रति व्‍यक्ति कुल खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता बढ़कर 186.4 किलोग्राम हो गई वर्ष 2013-14 में कृषि निर्यात में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि वर्ष 2013-14 में समुद्री उत्‍पादों के निर्यात में 45 प्रतिशत वृद्धि दर रही वर्ष 2012-13 में दूध उत्‍पादन 132.43 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा वर्ष 2013-14 में कुल सकल घरेलू उत्‍पाद में पशुधन क्षेत्र की 4.1 प्रतिशत भागीदारी रही वर्ष दर वर्ष भारत में दूध उत्‍पादन की वृद्धि दर 4.04 प्रतिशत है जबकि विश्‍व में यह औसत 2.2 प्रतिशत है वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण 7,00,000 करोड़ रुपये के लक्ष्‍य से अधिक वर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्‍पाद में कृषि और इसके सहयोगी क्षेत्रों की हिस्‍सेदारी 13.9 प्रतिशत से घटी किसानों की संख्‍या घटी, वर्ष 2001 में 12.73 करोड़ किसान थे जिनकी संख्‍या घटकर 2011 में 11.87 करोड़ रह गई। उत्पादन में भारत का स्थान पहला स्थान : गन्ना, बाजरा, जूट, अरंडी, आम, केला, अंगूर, कसाबा, मटर, अदरक, पपीता और दूध दूसरा स्थान : गेहूँ, चावल, फल और सब्जियाँ, चाय, आलू, प्याज, लहसुन, चावल, बिनौला तीसरा स्थान : उर्वरक कृषि संस्थान संपादित करें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, काँके कृषि संबंधित अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय ब्यूरो एवं निदेशालय/परियोजना निदेशालय संपादित करें समतुल्य विश्वविद्यालय संपादित करें 1.भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल 3.भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 4.केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई संस्थान संपादित करें 1.केन्द्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक 2.विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा 3.भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर 4.केन्द्रीय तम्बाकू अनुसंधान संस्थान, राजामुंद्री 5.भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ 6.गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर 7.केन्द्रीय कपास संस्थान, नागपुर 8.केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 9.भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी 10. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर 11. केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ 12. केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर 13. केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर 14. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी 15. केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला 16. केन्द्रीय कंदी फसलें अनुसंधान संस्थान, त्रिवेन्द्रम 17. केन्द्रीय रोपण फसलें अनुसंधान संस्थान, कासरगोड 18. केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेअर 19. भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कालीकट 20. केन्द्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून 21. भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल 22. केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल 23. पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, मखाना केन्द्र सहित, पटना 24. केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद 25. केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर 26. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, गोवा 27. पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, बारापानी 28. राष्ट्रीय अजैविक दबाव प्रबन्धन संस्थान, मालेगांव, महाराष्ट्र 29. केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल 30. केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना 31. भारतीय प्राकृतिक रेज़िन और गोंद संस्थान, रांची 32. केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई 33. राष्ट्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता 34. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 35. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम 36. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार 37. राष्ट्रीय पशु पोषण और कायिकी संस्थान, बेंगलौर 38. केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 39. केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि 40. केन्द्रीय खारा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, चैन्नई 41. केन्द्रीय अंतः स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 42. केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि 43. केन्द्रीय ताजा जल जीव पालन संस्थान, भुवनेश्वर 44. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबन्धन अकादमी, हैदराबाद राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्यौगिकी अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय समन्वित कीट प्रबन्धन केन्द्र, नई दिल्ली 3.राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर 4.राष्ट्रीय नीबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र, नागपुर 5.राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे 6.राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, त्रिची 7.राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केन्द्र, अजमेर 8.राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर 9.राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र, पेकयांग, सिक्किम 10. राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र, झांसी 11. राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर 12. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार 13. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद 14. राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केन्द्र, गुवाहाटी 15. राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, वेस्ट केमंग 16. राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, मेदजीफेमा, नगालैंड 17. राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली राष्ट्रीय ब्यूरो संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप आनुवंशिकी ब्यूरो, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीव ब्यूरो, मऊ, उत्तर प्रदेश 3.राष्ट्रीय कृषि के लिए उपयोगी कीट ब्यूरो, बेंगलौर 4.राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर 5.राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, करनाल 6.राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, लखनऊ निदेशालय/प्रायोजना निदेशालय संपादित करें 1.मक्का अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली 2.धान अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 3.गेहूँ अनुसंधान निदेशालय, करनाल 4.तिलहन अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 5.बीज अनुसंधान निदेशालय, मऊ 6.ज्वार अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 7.मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ 8.सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इंदौर 9.तोरिया और सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर 10. मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन 11. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे 12. काजू , भुवनेश्वर