Indian political Artical

भारत, संसदीय प्रणाली की सरकार वाला एक प्रभुसत्तासम्पन्न, समाजवादी धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है. यह गणराज्य भारत के संविधान के अनुसार शासित है. भारत का संविधान संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ.भारत का संविधान दुनिया का सबसे बडा लिखित संविधान है. इसमें अब 450 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. इनमें से कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद निम्नलिखित है: 
1. अनुच्छेद 1 : यह घोषणा करता है कि भारत राज्यों का संघ है.
2. अनुच्छेद 3: संसद विधि द्वारा नए राज्य बना सकती है तथा पहले से अवस्थित राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं एवं नामों में परिवर्तन कर सकती है.
3. अनुच्छेद 5: संविधान के प्रारंभ होने के, समय भारत में रहने वाले वे सभी व्यक्ति यहां के नागरिक होंगे, जिनका जन्म भारत में हुआ हो, जिनके पिता या माता भारत के नागरिक हों या संविधान के प्रारंभ के समय से भारत में रह रहे हों.
4. अनुच्छेद 53: संघ की कार्यपालिका संबंधी शक्ति राष्ट्रपति में निहित रहेगी.
5. अनुच्छेद 64: उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पढ़ें अध्यक्ष होगा.
6. अनुच्छेद 74: एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसके शीर्ष पर प्रधानमंत्री रहेगा, जिसकी सहायता एवं सुझाव के आधार पर राष्ट्रपति अपने कार्य संपन्न करेगा. राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के लिए किसी सलाह के पुनर्विचार को आवश्यक समझ सकता है, पर पुनर्विचार के पश्चात दी गई सलाह के अनुसार वह कार्य करेगा. इससे संबंधित किसी विवाद की परीक्षा किसी न्यायालय में नहीं की जाएगी.
7. अनुच्छेद 76: राष्ट्रपति द्वारा महान्यायवादी की नियुक्ति की जाएगी.
8. अनुच्छेद 78: प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य होगा कि वह देश के प्रशासनिक एवं विधायी मामलों तथा मंत्रिपरिषद के निर्णयों के संबंध में राष्ट्रपति को सूचना दे, यदि राष्ट्रपति इस प्रकार की सूचना प्राप्त करना आवश्यक समझे.
9. अनुच्छेद 86: इसके अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा संसद को संबोधित करने तथा संदेश भेजने के अधिकार का उल्लेख है.
10. अनुच्छेद 108: यदि किसी विधेयक के संबंध में दोनों सदनों में गतिरोध उत्पन्न हो गया हो तो संयुक्त अधिवेशन का प्रावधान है.
11. अनुच्छेद 110: धन विधेयक को इसमें परिभाषित किया गया है.
12. अनुच्छेद 111: संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति के पास जाता है. राष्ट्रपति उस विधेयक को सम्मति प्रदान कर सकता है या अस्वीकृत कर सकता है. वह सन्देश के साथ या बिना संदेश के संसद को उस पर पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, पर यदि दोबारा विधेयक को संसद द्वारा राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो वह इसे अस्वीकृत नहीं करेगा.
13. अनुच्छेद 112: प्रत्येक वित्तीय वर्ष हेतु राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष बजट पेश किया जाएगा.
14. अनुच्छेद 123: संसद के अवकाश (सत्र नहीं चलने की स्थिति) में राष्ट्रपति को अध्यादेश जारी करने का अधिकार.
15. अनुच्छेद 124: इसके अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय के गठन का वर्णन है.
16. अनुच्छेद 129: सर्वोच्च न्यायालय एक अभिलेख न्यायालय है.
17. अनुच्छेद 148: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
18. अनुच्छेद 163: राज्यपाल के कार्यों में सहायता एवं सुझाव देने के लिए राज्यों में एक मंत्रिपरिषद एवं इसके शीर्ष पर मुख्यमंत्री होगा, पर राज्यपाल के स्वविवेक संबंधी कार्यों में वह मंत्रिपरिषद के सुझाव लेने के लिए बाध्य नहीं होगा.
19. अनुच्छेद 169: राज्यों में विधान परिषदों की रचना या उनकी समाप्ति विधान सभा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्ताव तथा संसद द्वारा इसकी स्वीकृति से संभव है.
20. अनुच्छेद 200: राज्यों की विधायिका द्वारा पारित विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. वह इस पर अपनी सम्मति दे सकता है या इसे अस्वीकृत कर सकता है. वह इस विधेयक को संदेश के साथ या बिना संदेश के पुनर्विचार हेतु विधायिका को वापस भेज सकता है, पर पुनर्विचार के बाद दोबारा विधेयक आ जाने पर वह इसे अस्वीकृत नहीं कर सकता. इसके अतिरिक्त वह विधेयक को राष्ट्रपति के पास विचार के लिए भी भेज सकता है.
21. अनुच्छेद 213: राज्य विधायिका के सत्र में नहीं रहने पर राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है.
22. अनुच्छेद 214: सभी राज्यों के लिए उच्च न्यायालय की व्यवस्था होगी.
23. अनुच्छेद 226: मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उच्च न्यायालय को लेख जारी करने की शक्तियां.
24. अनुच्छेद 233: जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा उच्च न्यायालय के परामर्श से की जाएगी.
25. अनुच्छेद 235: उच्च न्यायालय का नियंत्रण अधीनस्थ न्यायलयों पर रहेगा.
26. अनुच्छेद 239: केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा होगा। वह यदि उचित समझे तो बगल के किसी राज्य के राज्यपाल को इसके प्रशासन का दायित्व सौंप सकता है या प्रशासन की नियुक्ति कर सकता है.
27. अनुच्छेद 245: संसद संपूर्ण देश या इसके किसी हिस्से के लिए तथा राज्य विधानपालिका अपने राज्य या इसके किसी हिस्से के ले कानून बना सकता है.
28. अनुच्छेद 248: विधि निर्माण संबंधी अवशिष्ट शक्तियां संसद में निहित हैं.
29. अनुच्छेद 249: राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर लोक सभा को एक वर्ष के लिए कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है, यदि वह इसे राष्ट्रहित में आवश्यक समझे.
29. अनुच्छेद 262: अंतरराज्यीय नदियां या नदी घाटियों के जल के वितरण एवं नियंत्रण से संबंधित विवादों के लिए संसद द्वारा निर्णय कर सकती है.
30. अनुच्छेद 263: केंद्र राज्य संबंधों में विवादों का समाधान करने एवं परस्पर सहयोग के क्षेत्रों के विकास के उद्देश्य राष्ट्रपति एक अंतरराज्यीय परिषद की स्थापना कर सकता है.
31. अनुच्छेद 266: भारत की संचित निधि, जिसमें सरकार की सभी मौद्रिक अविष्टियां एकत्र रहेंगी, विधि समस्त प्रक्रिया के बिना इससे कोई भी राशि नहीं निकली जा सकती है.
32. अनुच्छेद 267: संसद विधि द्वारा एक आकस्मिक निधि स्थापित कर सकती है, जिसमें अकस्मात उत्पन्न परिस्थितियां के लिए राशि एकत्र की जाएगी.
33. अनुच्छेद 275: केंद्र द्वारा राज्यों को सहायक अनुदान दिए जाने का प्रावधान.
34. अनुच्छेद 280: राष्ट्रपति हर पांचवें वर्ष एक वित्त आयोग की स्थापना करेगा, जिसमें अध्यक्ष के अतिरिक्त चार अन्य सदस्य होंगें तथा जो राष्ट्रपति के पास केंद्र एवं राज्यों के बीच करों के वितरण के संबंध में अनुशंषा करेगा.
35. अनुच्छेद 300 क: राज्य किसी भी व्यक्ति को उसकी संपत्ति से वंचित नहीं करेगा. पहले यह प्रावधान मूल अधिकारों के अंतर्गत था, पर संविधान के 44 वें संशोधन, 1978 द्वारा इसे अनुच्छेद 300 (क) में एक सामान्य वैधानिक (क़ानूनी) अधिकार के रूप में अवस्थित किया गया.
36. अनुच्छेद 312: राज्य सभा विशेष बहुमत द्वारा नई अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना की अनुशंसा कर सकती है.
37. अनुच्छेद 315: संघ एवं राज्यों के लिए एक लोक सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी.
38. अनुच्छेद 324: चुनावों के पर्यवेक्षण, निर्देशन एवं नियंत्रण संबंधी समस्त शक्तियां चुनाव आयोग में निहित रहेंगी.
39. अनुच्छेद 326: लोक सभा तथा विधान सभाओं में चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर होगा.
40. अनुच्छेद 331: आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का राष्ट्रपति द्वारा लोक सभा में मनोनयन संभव है, यदि वह समझे की उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं है.
41. अनुच्छेद 332: अनुसूचित जाति एवं जनजातियों का विधानसभाओं में आरक्षण का प्रावधान.
42. अनुच्छेद 333: आंग्ल भारतीय समुदाय के लोगों का विधान सभाओं में मनोनयन.
43. अनुच्छेद 335: अनुसूचित जातियों, जनजातियों एवं पिछड़े वर्गों के लिए विभिन्न सेवाओं में पदों पर आरक्षण का प्रावधान.
44. अनुच्छेद 343: संघ की आधिकारिक भाषा देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी होगी.
45. अनुच्छेद 347: यदि किसी राज्य में पर्याप्त संख्या में लोग किसी भाषा को बोलते हों और उनकी आकांक्षा हो कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा को मान्यता दी जाए तो इसकी अनुमति राष्ट्रपति दे सकता है.
46. अनुच्छेद 351: यह संघ का कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार एवं उत्थान करे ताकि वह भारत की मिश्रित संस्कृति के सभी अंगों के लिए अभिव्यक्ति का माध्यम बने.
47. अनुच्छेद 352: राष्ट्रपति द्वारा आपात स्थिति की घोषणा, यदि वह समझता हो कि भारत या उसके किसी भाग की सुरक्षा युद्ध, बाह्य आक्रमण या सैन्य विद्रोह के फलस्वरूप खतरे में है.
48. अनुच्छेद 356: यदि किसी राज्य के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति को यह रिपोर्ट दी जाए कि उस राज्य में सवैंधानिक तंत्र असफल हो गया है तो वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा  सकता है.
49. अनुच्छेद 360: यदि राष्ट्रपति यह समझता है की भारत या इसके किसी भाग की वित्तीय स्थिरता एवं साख खतरे में है तो वह वित्तीय आपत स्थिति की घोषणा कर सकता है.
50. अनुच्छेद 365: यदि कोई राज्य केंद्र द्वारा भेजे गए किसी कार्यकारी निर्देश का पालन करने में असफल रहता है तो राष्ट्रपति द्वारा यह समझा जाना विधि समस्त होगा कि उस राज्य में संविधान तंत्र के अनुरूप प्रशासन चलने की स्थिति नहीं है और वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है.
51. अनुच्छेद 368: संसद को संविधान के किसी भी भाग का संशोधन करने का अधिकार है.
52. अनुच्छेद 370: इसके अंतर्गत जम्मू कश्मीर की विशेष स्थिति का वर्णन है.
53. अनुच्छेद 371: कुछ राज्यों के विशेष क्षेत्रों के विकास के लिए राष्ट्रपति बोर्ड स्थापित कर सकता है, जैसे - महाराष्ट्र, गुजरात, नागालैंड, मणिपुर आदि.
54. अनुच्छेद 394 क: राष्ट्रपति अपने अधिकार के अंतर्गत इस संविधान का हिंदी भाषा में अनुवाद कराएगा.
55. अनुच्छेद 395: भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947, भारत सरकार अधिनियम, 1953 तथा इनके अन्य पूरक अधिनियमों को, जिसमें प्रिवी कौंसिल क्षेत्राधिकार अधिनियम शामिल नहीं है, यहां रद्द किया जाता है.



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हिंदुस्तान से जुड़े 40 रोचक तथ्य By Ajay Mohan Updated: Mon, Jan 16, 2017, 17:33 [IST] India's 40 Interesting fact, Watch Video । वनइंडिया हिंदी देश बदल रहा है, प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। साथ ही परिवर्तन की लहर भी दौड़ चुकी है। ऐसे में तमाम लोग सिर्फ सिस्‍टम को गालियां देना पसंद करते हैं। यूं कहिये कि जब बात जब देश की आती है, तो अधिकांश लोगों की सोच नकारात्‍मक होती है। तमाम ऐसे हैं, जो घर, दुकान पर बैठे-बैठे या सड़क किनारे पान या चाय की दुकान पर खड़े होकर देश के सिस्‍टम को गालियां देते हैं। सच पूछिए तो गालियां देने से कुछ नहीं होने वाला। एक सकारात्‍मक सोच विकसित करनी ही होगी, क्‍योंकि तभी आप देश की तरक्‍की में हाथ बंटा पायेंगे। पढ़ें- दुनिया भर के रोचक तथ्य यह सकारात्‍मक सोच आयेगी अपने देश के इतिहास के पन्‍ने पलटने से। काले अध्‍यायों के साथ तमाम ऐसे अध्‍याय भी हैं, जो देश का गौरव बने। जिन पर हम गर्व कर सकते हैं। देश के लिये एक सकारात्‍मक सोच विकसित करने के लिये ही हम आपके सामने रख रहे हैं देश के बारे में 40 तथ्‍य, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। या हो सकता है ये 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भाषाये हैं जो कि देश के 22 राज्यों में बोली जाती है। भारत में 1,652 बोलियां और भाषाओं का प्रयोग किया जाता है। अंग्रेजी भाषा सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है भारत में हिंदी के बाद सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत विश्व का 24वां देश हैं जहां सबसे ज्यादा अंग्रेजी बोली जाती है। भारत में 22 राज्य हैं जहां हिंदी और अंग्रेजी मानक भाषा के रूप में प्रयोग किया जाता है। तक्षशीला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व में भारत का पहला विश्वविद्यालय तक्षिला खुला था जिसमें से पढ़े हुए हजारों छात्रों ने विश्व के कोने-कोने में देश की खुशबू फैलायी। डाक व्यवस्था सबसे बड़ी डाक व्यवस्था विश्व की सबसे बड़ी डाक व्यवस्था केवल भारत के ही पास है। सबसे पुराना शहर वाराणसी देश की पवित्र नगरी वाराणसी विश्व का सबसे पुराना शहर है। अजूबा आगरा का ताजमहल आगरा का ताजमहल विश्व के सात अजूबों में से एक है जिसे कि मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में बनवाया था। सड़क सबसे बड़ी रोड नेटवर्क विश्व की सबसे बड़ी रोड नेटवर्क भारत के ही पास है जो कि 1.9 मिलियन मील के हिस्से को आपस में जोड़ते हैं। चतुरंग संस्कृत शतरंज शतरंज जिसे के Chess कहते हैं उसका अविष्कार भारत में ही हुआ था।इसे 'चतुरंग संस्कृत' के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ होता है 'एक सेना के चार सदस्य'। हीरा हीरा हीरा: साल 1986 तक भारत अकेला विश्व का देश था जहां अधिकारिक रूप से हीरा पाया जाता था। निर्यात निर्यात हजारों सालों से भारत कपड़े को निर्यात कर रहा है इसके अलावा स्टील, कृषि वस्तुओं, और इस तरह की तकनीक या चिकित्सा से जु़ड़ी चीजों को भी वह निर्यात करता है। आयु वर्ग आयु वर्ग भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग 25 साल से छोटे हैं तो वहीं 65 प्रतिशत लोग 35 साल से छोटे हैं। भारत में दूसरे देशों की अपेक्षा लोग जल्द ही जवान होते हैं। भारत की सभ्‍यता सबसे पुरानी सभ्‍यता भारत की सभ्‍यता विश्‍व में सबसे पुरानी है, यहां तक की विश्‍व के कई प्राचीनम स्‍थान और इमारतें भारत में हैं। भारत के प्राचीन साम्राज्‍य मिश्र और मेसोपोटामिया से भी पहले के हैं। फिल्‍में सबसे बड़ी फिल्‍म इंडस्‍ट्री विश्‍व की सबसे बड़ी फिल्‍म इंडस्‍ट्री भारत में हैं। ज्‍यादा फिल्‍में बॉलीवुड में बनती हैं, देश के अन्‍य कई स्‍टूडियों में भी फिल्‍मों का निर्माण होता है। वैदिक शास्‍त्र पवित्र कृतियां 500 से 2000 तक के वैदिक शास्‍त्रों का लेखन पंजाब क्षेत्र में किया गया। नंबर 'जीरो' जीरो का निर्माण गणित में सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण नंबर 'जीरो' की अवधारणा भारत ने ही दुनिया को दी। स्‍कूल सबसे बड़ा मॉन्‍टेसरी स्‍कूल भारत में ही विश्‍व का सबसे बड़ा मॉन्‍टेसरी स्‍कूल है। वो है लखनऊ का सिटी मोन्‍टेसरी स्‍कूल, जिसमें विद्यार्थियों की संख्‍या लगभग 26000 है। केला केले का सर्वाधिक निर्यात विश्‍व में केले का सर्वाधिक निर्यात भारत ही करता है। दूसरे स्‍थान पर ब्राजील है। दूध का उत्‍पादन दूध का उत्‍पादन भारत में विश्‍व का सर्वाधिक उत्‍पादन किया जाता है। भाग्‍यशाली रंग लाल रंग शुभ भारत में लाल रंग को शुभ माना जाता है, विवाह और अलग अलग अवसरों पर इसी रंग के कपड़े पहने जाते हैं। शाकाहार: शाकाहार: भारत में शाकाहारियों की संख्‍या विश्‍व में सर्वाधिक हैं। सर्वाधिक पर्वत श्रंखलाएं सर्वाधिक पर्वत श्रंखलाएं भारत के हिमालय स्थित है। इसके अलावा यहां पर पर्वत श्रंखलाएं लगभग 1500 मील में फैली हुई हैं जो कि 23, 600 फीट तक ऊंची हैं। विष्‍णु मंदिर सबसे ज्‍यादा श्रद्धालु तिरूपति स्थित विष्‍णु मंदिर दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां सबसे ज्‍यादा श्रद्धालु आते हैं। यहां वेटिकन और मक्‍का से भी श्रद्धालु आते हैं। सबसे पहला मकबरा सबसे पहला मकबरा दुनिया में शायद कुछ लोगों को पता होगा कि दुनिया में सबसे पहला मकबरा भारत में ही बनाया गया था। यहां कब्र शाहजंहा ने हुमायूं के लिये बनाया गया था हालांकि उसके बाद उनकी पत्‍नी और अन्‍य मुगल खानदान के लोगों को भी यहीं दफनाया गया। धार्मिक संग्रह धार्मिक संग्रह हर 12 साल के बाद इलाहाबाद में कुंभ मेला का आयोजन होता है। कुंभ मेला दुनिया में एक मात्र ऐसा मेला है जहां धर्म के नाम पर सबसे ज्‍यादा लोगों आते हैं। बृहादेश्‍वर मंदिर बृहादेश्‍वर मंदिर बृहादेश्‍वर मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर है जहां शिव भगवान की सवारी नंदी की सबसे बड़ी मूर्ति है। उसकी उंचाई जो 13 फिट की जगह में बनी हुई है। इस मंदिर का निर्माण के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें Read More About: स्‍वतंत्रता दिवसभारतआजादी English Summary On the occasion of Independence Day we have bring 50 interesting facts about India. 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About Indian Culture in hindi

या दौर आया। सन् २००७ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सा 16.6% था। उस समय सम्पूर्ण कार्य करने वालों का 52% कृषि में लगा हुआ था। इतिहास संपादित करें भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे। १९६० के बाद उच्च उपज बीज (HYV) का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चावल के उत्पादन में काफी वृद्धी हुई जिस कारण इसे हरित क्रांति भी कहा गया। उत्पादन संपादित करें भारत में विभिन्न वर्षों में दाल-गेहूँ का उत्पादन (दस करोड़ टन में)[कृपया उद्धरण जोड़ें]- 1970-71 12-24 1980-81 11-36 1990-91 14-55 2000-01 11-70 2008-10 12-60 कृषि औजार संपादित करें भारत में कृषि में परंपरागत औजारों जैसे फावड़ा, खुरपी, कुदाल, हँसिया, बल्लम, के साथ ही आधुनिक मशीनों का प्रयोग भी किया जाता है। किसान जुताई के लिए ट्रैक्टर, कटाई के लिए हार्वेस्टर तथा गहाई के लिए थ्रेसर का प्रयोग करते हैं। अवलोकन संपादित करें २०१० एफएओ विश्व कृषि सांख्यिकी, के अनुसार भारत के कई ताजा फल और सब्जिया, दूध, प्रमुख मसाले आदि को सबसे बड़ा उत्पादक ठहराया गया है। रेशेदार फसले जैसे जूट, कई स्टेपल जैसे बाजरा और अरंडी के तेल के बीज आदि का भी उत्पादक है। भारत गेहूं और चावल की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत, दुनिया का दूसरा या तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है कई चीजो का जैसे सूखे फल, वस्त्र कृषि-आधारित कच्चे माल, जड़ें और कंद फसले, दाल, मछलीया, अंडे, नारियल, गन्ना और कई सब्जिया। २०१० मई भारत को दुनिया का पॉचवा स्थान हासिल हुआ जिसके मुताबिक उसने ८०% से अधिक कई नकदी फसलो का उत्पादन् किया जैसे कॉफी और कपास आदि। २०११ के रिपोर्ट के अनुसार, भारत को दुनिया में पाँचवे स्थान पर रखा गया जिसके मुताबिक व सबसे तेज़ वृद्धि के रूप में पशुधन उत्पादक करता है। २००८ के एक रिपोर्ट ने दावा किया कि भारत की जनसंख्या, चावल और गेहूं का उत्पादन करने की क्षमता से अधिक तेजी से बढ़ रही है। अन्य सुत्रो से पता चलता है कि, भारत अपनी बढती जनसंख्या को अराम से खिला सकता है और साथ ही साथ चावल और गेहूं को निर्यात भी कर सकता है। बस, भारत को अपनी बुनियादी सुविधाओं को बढाना होगा जिससे उत्पादक भी बढे जैसे अन्य देश ब्राजील और चीन ने किया। भारत २०११ में लगभग २लाख मीट्रिक टन गेहूँ और २.१ करोड़ मीट्रिक टन चावल का निर्यात अफ्रीका, नेपाल, बांग्लादेश और दुनिया भर के अन्य देशों को किया। जलीय कृषि और पकड़ मत्स्यपालन भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योगों के बीच है। १९९० से २०१० के बीच भारतीय मछली फसल दोगुनी हुई, जबकि जलीय कृषि फसल तीन गुना बढ़ा। २००८ में, भारत दुनिया का छठा सबसे बड़ा उत्पादक था समुद्री और मीठे पानी की मत्स्य पालन के क्षेत्र में और दूसरा सबसे बड़ा जलीय मछली कृषि का निर्माता था। भारत ने दुनिया के सभी देशों को करीब ६,00,000 मीट्रिक टन मछली उत्पादों का निर्यात किया। भारत ने पिछ्ले ६० वर्षो मैं कृषि विभाग में कई सफलताए प्राप्त की है। ये लाभ मुख्य रूप से भारत को हरित क्रांति, पावर जनरेशन, बुनियादी सुविधाओं, ज्ञान में सुधार आदि से प्राप्त हुआ। भारत में फसल पैदावार अभी भी सिर्फ ३०% से ६०% ही है। अभी भी भारत में कृषि प्रमुख उत्पादकता और कुल उत्पादन लाभ के लिए क्षमता है। विकासशील देशों के सामने भारत अभी भी पीछे है। इसके अतिरिक्त, गरीब अवसंरचना और असंगठित खुदरा के कारण, भारत ने दुनिया में सबसे ज्यादा खाद्य घाटे से कुछ का अनुभव किया और नुकसान भी भुगतना पड़ा। भारत मे सिंचाई संपादित करें सरदार सरोवर नहर (गुजरात) मुख्य लेख: भारत में सिंचाई व्यवस्था भारत में सिंचाई का मतलब खेती और कृषि गतिविधियों के प्रयोजन के लिए भारतीय नदियों, तालाबों, कुओं, नहरों और अन्य कृत्रिम परियोजनाओं से पानी की आपूर्ति करना होता है। भारत जैसे देश में, ६४% खेती करने की भूमि, मानसून पर निर्भर होती है। भारत में सिंचाई करने का आर्थिक महत्व है - उत्पादन में अस्थिरता को कम करना, कृषि उत्पादकता की उन्नती करना, मानसून पर निर्भरता को कम करना, खेती के अंतर्गत अधिक भूमि लाना, काम करने के अवसरों का सृजन करना, बिजली और परिवहन की सुविधा को बढ़ाना, बाढ़ और सूखे की रोकथाम को नियंत्रण में करना। पहल वित्त वर्ष २०१३-१४ के अंत में भारत में कृषि की स्थिति[1] संपादित करें zsxds भारत की प्रमुख फसलों के उत्पादक क्षेत्र वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत वर्ष 2013-14 में 264.4 मिलियन टन खाद्यान का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 32.4 मिलियन टन तिलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में 19.6 मिलियन टन दलहन का रिकॉर्ड उत्‍पादन वर्ष 2013-14 में मुंगफली का सबसे अधिक 73.17 प्रतिशत उत्‍पादन हुआ अंगूर, केला, कसाबा, मटर और पपीता के उत्‍पादन के क्षेत्र में विश्‍व में भारत का पहला स्‍थान है वर्ष 2013-14 में खाद्यान के तहत क्षेत्र 4.47 प्रतिशत से बढ़कर 126.2 मिलियन हैक्‍टर हो गया वर्ष 2013-14 में तिलहन का क्षेत्र 6.42 प्रतिशत से बढ़कर 28.2 मिलियन हैक्‍टर हुआ 01 जून 2014 को केन्‍द्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडारण 69.84 मिलियन टन 2013 में खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता 15 प्रतिशत बढ़कर 229.1 मिलियन टन हो गई वर्ष 2013 में प्रति व्‍यक्ति कुल खाद्यान्‍न की उपलब्‍धता बढ़कर 186.4 किलोग्राम हो गई वर्ष 2013-14 में कृषि निर्यात में 5.1 प्रतिशत की वृद्धि वर्ष 2013-14 में समुद्री उत्‍पादों के निर्यात में 45 प्रतिशत वृद्धि दर रही वर्ष 2012-13 में दूध उत्‍पादन 132.43 मिलियन टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा वर्ष 2013-14 में कुल सकल घरेलू उत्‍पाद में पशुधन क्षेत्र की 4.1 प्रतिशत भागीदारी रही वर्ष दर वर्ष भारत में दूध उत्‍पादन की वृद्धि दर 4.04 प्रतिशत है जबकि विश्‍व में यह औसत 2.2 प्रतिशत है वर्ष 2013-14 में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण 7,00,000 करोड़ रुपये के लक्ष्‍य से अधिक वर्ष 2013-14 में सकल घरेलू उत्‍पाद में कृषि और इसके सहयोगी क्षेत्रों की हिस्‍सेदारी 13.9 प्रतिशत से घटी किसानों की संख्‍या घटी, वर्ष 2001 में 12.73 करोड़ किसान थे जिनकी संख्‍या घटकर 2011 में 11.87 करोड़ रह गई। उत्पादन में भारत का स्थान पहला स्थान : गन्ना, बाजरा, जूट, अरंडी, आम, केला, अंगूर, कसाबा, मटर, अदरक, पपीता और दूध दूसरा स्थान : गेहूँ, चावल, फल और सब्जियाँ, चाय, आलू, प्याज, लहसुन, चावल, बिनौला तीसरा स्थान : उर्वरक कृषि संस्थान संपादित करें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पन्तनगर चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, काँके कृषि संबंधित अनुसंधान केन्द्र, राष्ट्रीय ब्यूरो एवं निदेशालय/परियोजना निदेशालय संपादित करें समतुल्य विश्वविद्यालय संपादित करें 1.भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल 3.भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 4.केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुंबई संस्थान संपादित करें 1.केन्द्रीय धान अनुसंधान संस्थान, कटक 2.विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा 3.भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर 4.केन्द्रीय तम्बाकू अनुसंधान संस्थान, राजामुंद्री 5.भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ 6.गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बटूर 7.केन्द्रीय कपास संस्थान, नागपुर 8.केन्द्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 9.भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी 10. भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बैंगलोर 11. केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ 12. केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर 13. केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर 14. भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी 15. केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला 16. केन्द्रीय कंदी फसलें अनुसंधान संस्थान, त्रिवेन्द्रम 17. केन्द्रीय रोपण फसलें अनुसंधान संस्थान, कासरगोड 18. केन्द्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पोर्ट ब्लेअर 19. भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान, कालीकट 20. केन्द्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून 21. भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल 22. केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल 23. पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, मखाना केन्द्र सहित, पटना 24. केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद 25. केन्द्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर 26. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, गोवा 27. पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्रों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अनुसंधान परिसर, बारापानी 28. राष्ट्रीय अजैविक दबाव प्रबन्धन संस्थान, मालेगांव, महाराष्ट्र 29. केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल 30. केन्द्रीय कटाई उपरांत अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संस्थान, लुधियाना 31. भारतीय प्राकृतिक रेज़िन और गोंद संस्थान, रांची 32. केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई 33. राष्ट्रीय जूट एवं संबद्ध रेशे प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, कोलकाता 34. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली 35. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदुम 36. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार 37. राष्ट्रीय पशु पोषण और कायिकी संस्थान, बेंगलौर 38. केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर 39. केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, कोच्चि 40. केन्द्रीय खारा जल जीवपालन अनुसंधान संस्थान, चैन्नई 41. केन्द्रीय अंतः स्थलीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर 42. केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्योगिकी संस्थान, कोच्चि 43. केन्द्रीय ताजा जल जीव पालन संस्थान, भुवनेश्वर 44. राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान एवं प्रबन्धन अकादमी, हैदराबाद राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्र संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप जैव प्रौद्यौगिकी अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय समन्वित कीट प्रबन्धन केन्द्र, नई दिल्ली 3.राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर 4.राष्ट्रीय नीबू वर्गीय अनुसंधान केन्द्र, नागपुर 5.राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे 6.राष्ट्रीय केला अनुसंधान केन्द्र, त्रिची 7.राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केन्द्र, अजमेर 8.राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर 9.राष्ट्रीय आर्किड अनुसंधान केन्द्र, पेकयांग, सिक्किम 10. राष्ट्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान केन्द्र, झांसी 11. राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर 12. राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र, हिसार 13. राष्ट्रीय मांस अनुसंधान केन्द्र, हैदराबाद 14. राष्ट्रीय शूकर अनुसंधान केन्द्र, गुवाहाटी 15. राष्ट्रीय याक अनुसंधान केन्द्र, वेस्ट केमंग 16. राष्ट्रीय मिथुन अनुसंधान केन्द्र, मेदजीफेमा, नगालैंड 17. राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्र और नीति अनुसंधान केन्द्र, नई दिल्ली राष्ट्रीय ब्यूरो संपादित करें 1.राष्ट्रीय पादप आनुवंशिकी ब्यूरो, नई दिल्ली 2.राष्ट्रीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीव ब्यूरो, मऊ, उत्तर प्रदेश 3.राष्ट्रीय कृषि के लिए उपयोगी कीट ब्यूरो, बेंगलौर 4.राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नागपुर 5.राष्ट्रीय पशु आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, करनाल 6.राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिकी संसाधन ब्यूरो, लखनऊ निदेशालय/प्रायोजना निदेशालय संपादित करें 1.मक्का अनुसंधान निदेशालय, नई दिल्ली 2.धान अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 3.गेहूँ अनुसंधान निदेशालय, करनाल 4.तिलहन अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 5.बीज अनुसंधान निदेशालय, मऊ 6.ज्वार अनुसंधान निदेशालय, हैदराबाद 7.मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ 8.सोयाबीन अनुसंधान निदेशालय, इंदौर 9.तोरिया और सरसों अनुसंधान निदेशालय, भरतपुर 10. मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन 11. प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे 12. काजू , भुवनेश्वर