हिंदुस्तान से जुड़े 40 रोचक तथ्य By..ABHISHEK PANDEY India's 40 Interesting fact, Watch Video । वनइंडिया हिंदी देश बदल रहा है, प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। साथ ही परिवर्तन की लहर भी दौड़ चुकी है। ऐसे में तमाम लोग सिर्फ सिस्टम को गालियां देना पसंद करते हैं। यूं कहिये कि जब बात जब देश की आती है, तो अधिकांश लोगों की सोच नकारात्मक होती है। तमाम ऐसे हैं, जो घर, दुकान पर बैठे-बैठे या सड़क किनारे पान या चाय की दुकान पर खड़े होकर देश के सिस्टम को गालियां देते हैं। सच पूछिए तो गालियां देने से कुछ नहीं होने वाला। एक सकारात्मक सोच विकसित करनी ही होगी, क्योंकि तभी आप देश की तरक्की में हाथ बंटा पायेंगे। पढ़ें- दुनिया भर के रोचक तथ्य यह सकारात्मक सोच आयेगी अपने देश के इतिहास के पन्ने पलटने से। काले अध्यायों के साथ तमाम ऐसे अध्याय भी हैं, जो देश का गौरव बने। जिन पर हम गर्व कर सकते हैं। देश के लिये एक सकारात्मक सोच विकसित करने के लिये ही हम आपके सामने रख रहे हैं देश के बारे में 40 तथ्य, जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे। या
Writer..ABHISHEK PANDEY भारतीय संस्कृति और उसका भविष्य पर निबन्ध | Essay on Indian Culture and its Future in Hindi! डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी के शब्दों में- ”मेरे विचार से सारे संसार के मनुष्यों की एक ही सामान्य मानव-संस्कृति हो सकती है । यह दूसरी बात है कि वह व्यापक संस्कृति अब तक सारे संसार में अनुभूत और अंगीकृत नहीं हो सकी है । विभिन्न ऐतिहासिक परंपराओं से गुजरकर और विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में रहकर संसार के भिन्न-भिन्न समुदायों ने उस महान् मानवीय संस्कृति के भिन्न-भिन्न पक्षों से साक्षात् किया है । नाना प्रकार की धार्मिक साधनाओं, कलात्मक प्रयत्नों और सेवाभक्ति तथा योगमूलक अनुभूतियों के भीतर से मनुष्य उस महान् सत्य के व्यापक और परिपूर्ण रूप को क्रमश: प्राप्त करता है, जिसे हम ‘संस्कृति’ शब्द द्वारा व्यापक करते हैं । यह ‘संस्कृति’ शब्द बहुत अधिक प्रचलित है । Read More Essays on Indian Culture: भारतीय संस्कृति: विलुप्त होती दिशाएं | Indian Culture in Hindi वैश्वीकरण एवं भारतीय संस्कृति पर निबंध | Essay on Globalization of Indian Culture in Hindi Essay on Indian Cultur
भारत में कृषि भारत के अधिकांश उत्सव सीधे कृषि से जुड़े हुए हैं। होली खेलते बच्चे सरसों की लहलहाती फसल (राजस्थान) ग्रामीण भारत की कृषि मण्डी का दृष्य ग्रीष्म मानसून की गति कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है। १९६० के बाद कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ नया दौर आया। सन् २००७ में भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं सम्बन्धित कार्यों (जैसे वानिकी ) का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सा 16.6% था। उस समय सम्पूर्ण कार्य करने वालों का 52% कृषि में लगा हुआ था। इतिहास संपादित करें भारत में कृषि में 1960 के दशक के मध्य तक पारंपरिक बीजों का प्रयोग किया जाता था जिनकी उपज अपेक्षाकृत कम थी। उन्हें सिंचाई की कम आवश्यकता पड़ती थी। किसान उर्वरकों के रूप में गाय के गोबर आदि का प्रयोग करते थे। १९६० के बाद उच्च उपज बीज (HYV) का प्रयोग शुरु हुआ। इससे सिंचाई और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का प्रयोग बढ़ गया। इस कृषि में सिंचाई की अधिक आवश्यकता पड़ने लगी। इसके साथ ही गेहूँ और चाव
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